ईरान के सर्वोच्च नेता, हाथ में राइफल लेकर, इजराइल को दी चेतावनी - "इजराइल ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा"
मुख्य बिंदु:
- अयातुल्लाह अली खामेनेई, 85 वर्ष की आयु में, हाथ में रूसी बनी द्रागुनोव राइफल लेकर इजराइल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए नजर आए।
- खामेनेई ने ऐतिहासिक इमाम खोमेनी मस्जिद से हजारों ईरानियों को संबोधित किया और इजराइल के खिलाफ ईरान के अडिग रुख को दोहराया।
- उन्होंने इजराइल के "अपराधों" के जवाब में हाल ही में किए गए मिसाइल हमलों को उचित ठहराया।
घटना का विवरण
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने 85 वर्ष की आयु में पहली बार शुक्रवार की प्रार्थना का नेतृत्व करते हुए इजराइल के खिलाफ सख्त चेतावनी दी। खामेनेई ने इस ऐतिहासिक भाषण के लिए 1979 की इस्लामी क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इमाम खोमेनी मस्जिद को चुना और अपने हाथ में रूसी द्रागुनोव राइफल लेकर हजारों ईरानियों को संबोधित किया।
राइफल के साथ खड़े खामेनेई की छवि ने एक स्पष्ट संदेश दिया कि ईरान इजराइल के आक्रमण के सामने नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा, "हमें अपने दुश्मन के खिलाफ खड़ा होना होगा और अपनी अडिग आस्था को मजबूत करना होगा," और चेतावनी दी कि इजराइल ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा।
क्षेत्रीय संघर्ष और बढ़ते तनाव
खामेनेई का यह भाषण उस समय आया जब ईरान और इजराइल के बीच तनाव अपने चरम पर है। हाल ही में तेहरान में हमास के इस्माइल हनिया की हत्या और ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के शीर्ष कमांडर अब्बास निलफोरुशन की हत्या ने तनाव को और बढ़ा दिया था।
इजराइल समर्थित हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद स्थिति और गंभीर हो गई, जिसके बाद ईरान ने तेल अवीव पर 200 मिसाइलों की बारिश कर दी। इस हमले ने दोनों देशों को युद्ध की कगार पर ला दिया।
खामेनेई ने इजराइल के खिलाफ ईरान के सबसे बड़े मिसाइल हमले को सही ठहराते हुए कहा, "यह कदम ज़ायोनी शासन के अपराधों के सामने सबसे कम सज़ा था।" उन्होंने इसे पूरी तरह से वैध और कानूनी बताया और कहा कि ईरान की सशस्त्र सेनाओं की यह कार्रवाई समाज और सेना का पूरा समर्थन प्राप्त है।
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पिछली शुक्रवार की प्रार्थना
खामेनेई ने आखिरी बार जनवरी 2020 में शुक्रवार की प्रार्थना का नेतृत्व किया था, जब ईरान ने अमेरिकी सेना के इराकी ठिकाने पर मिसाइलें दागी थीं। उस हमले के पीछे अमेरिकी ड्रोन हमले में कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने का उद्देश्य था।
इस बार, खामेनेई का भाषण ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है, जो क्षेत्रीय संघर्ष के और भी गहरे होने की संभावना को बढ़ा रहा है।