400 करोड़ रुपये के घोटाले में गिरफ्तार कांग्रेस विधायक का बेटा अस्पताल के बाहर घूमता नजर आया
मुख्य बिंदु:
- सिकंदर सिंह, हरियाणा कांग्रेस विधायक धरम सिंह छौक्कर के बेटे, पर 1,500 से अधिक घर खरीदारों को धोखा देने और 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप।
- जमानत याचिका खारिज होने के बाद, अस्पताल में भर्ती का बहाना बनाकर जेल जाने से बचने का प्रयास।
- CCTV फुटेज और मेडिकल रिकॉर्ड से खुलासा हुआ कि वह अस्पताल से बाहर अवैध रूप से घूमते हुए दिखे।
- पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने धरम सिंह छौक्कर को 24 घंटे के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया, अन्यथा गिरफ्तारी का निर्देश दिया।
घटना का विवरण
हरियाणा कांग्रेस विधायक धरम सिंह छौक्कर के बेटे सिकंदर सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर और उनके पिता पर 1,500 से अधिक घर खरीदारों को धोखा देने और फर्जी निर्माण खर्चों के जरिए 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है। उन्हें इस साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था।
हाल ही में, सिकंदर सिंह को रोहतक में एक अस्पताल के बाहर घूमते हुए देखा गया, जबकि वह न्यायिक हिरासत में थे। उनकी जमानत याचिका को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने जेल जाने से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाते हुए मेडिकल रिकॉर्ड में हेरफेर किया।
अस्पताल में भर्ती और बाहर की गतिविधियां
सिकंदर सिंह को दो बार पीजीआईएमएस रोहतक में भर्ती किया गया था – पहली बार 2 से 16 सितंबर और फिर 26 सितंबर से अब तक। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। इसके बावजूद, CCTV फुटेज और मेडिकल रिकॉर्ड से खुलासा हुआ कि सिकंदर अस्पताल से बाहर निकलकर अवैध रूप से फॉर्च्यूनर SUV का उपयोग कर रहे थे। उन्होंने होटलों में रुकने, पार्टियों में शामिल होने, चुनाव प्रचार करने और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने जैसे कार्य किए, जो कि कानूनी प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।
कोर्ट का आदेश और राजनीति में आरोप
यह घटनाक्रम तब सामने आया जब पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय और हरियाणा पुलिस को आदेश दिया कि अगर धरम सिंह छौक्कर 24 घंटे के भीतर आत्मसमर्पण नहीं करते, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए। धरम सिंह छौक्कर वर्तमान में हरियाणा विधानसभा चुनावों में समालखा विधानसभा सीट से फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, और वह गिरफ्तारी से बचते आ रहे हैं, हालांकि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।
रियल एस्टेट घोटाला क्या है?
साल 2023 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुड़गांव पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के बाद छौक्कर और उनके बेटे के खिलाफ रियल एस्टेट घोटाले की जांच अपने हाथ में ली। एफआईआर में उन पर मिहिरा ग्रुप के माध्यम से बड़े पैमाने पर रियल एस्टेट धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया। उन्होंने गुरुग्राम के सेक्टर 68 में सस्ती आवासीय परियोजना शुरू की थी और लगभग 1,500 घर खरीदारों से 363 करोड़ रुपये जुटाए थे। हालांकि, 2021-22 तक परियोजना को पूरा करने का वादा करने के बावजूद, कंपनी ने अपना वादा पूरा नहीं किया।
निष्कर्ष
सिकंदर सिंह की यह गतिविधियां गंभीर सवाल खड़े करती हैं कि कैसे न्यायिक हिरासत में रहते हुए भी वह बाहर घूमने और चुनावी प्रचार जैसी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। इस मामले ने हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है, और अब सभी की नजरें हाई कोर्ट के फैसले और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर हैं।