छत्तीसगढ़ में 31 नक्सली मारे गए, 2024 में अब तक 185 नक्सली ढेर
मुख्य बिंदु:
- 31 नक्सली छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए।
- यह राज्य गठन के बाद से नक्सलियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
- घटनास्थल से हथियारों का जखीरा, जिसमें एक AK-47 और SLR (स्वयं-लोडिंग राइफल) शामिल हैं, बरामद किए गए हैं।
- 2024 में अब तक 185 नक्सली मारे गए हैं, भारत को 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त करने का लक्ष्य।
घटना का विवरण
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 31 नक्सलियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ राज्य के नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा के जंगलों में थुलथुली और नेंदुर गांवों के बीच दोपहर 1 बजे हुई। इस अभियान में राज्य के जिला रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और अन्य बलों की संयुक्त भागीदारी थी।
यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ के गठन के बाद नक्सलियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई के रूप में सामने आई है। मुठभेड़ से पहले खुफिया जानकारी मिली थी कि डीकेएसजेडसी सदस्य कमलेश और वरिष्ठ कैडर नीति, नंदू, और सुरेश सलाम क्षेत्र में छिपे हुए थे।
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से AK-47, SLR, INSAS राइफल, LMG, और .303 राइफल सहित कई हथियार बरामद किए हैं। 31 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, और संभावना है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है।
मुठभेड़ के दौरान DRG के एक जवान को ग्रेनेड शेल लगने से चोट आई है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि अभियान गुरुवार को शुरू हुआ था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने इस सफल अभियान के लिए सुरक्षा बलों की प्रशंसा की और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा बलों की वीरता और समर्पण का परिणाम है।
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2024 में नक्सल विरोधी अभियान
इस साल की शुरुआत से अब तक बस्तर क्षेत्र में 185 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिसमें दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे जिलों में कई बड़ी कार्रवाइयाँ शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही घोषणा की थी कि भारत का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक देश को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त किया जाए।