Stone Thrown on Anil Deshmukh Car - Home Minister Injured

 
अनिल देशमुख पर पत्थरबाजी: महाराष्ट्र में कार पर हमला, घायल हुए पूर्व गृह मंत्री

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख पर सोमवार को नागपुर जिले में कटोल-जालालखेड़ा रोड पर कुछ अज्ञात लोगों ने पत्थरों से हमला कर दिया। इस हमले में वह घायल हो गए।


मुख्य बातें:

  1. घटना का विवरण:

    • यह घटना उस समय हुई जब अनिल देशमुख नरखेड़ में एक जनसभा के बाद लौट रहे थे।
    • वह अपने बेटे सलील देशमुख के लिए प्रचार कर रहे थे, जो महाविकास अघाड़ी (MVA) के उम्मीदवार के तौर पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
  2. चिकित्सा सहायता:

    • हमले के बाद अनिल देशमुख को तुरंत कटोल के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज किया गया।
    • इस हमले के पीछे की मंशा और हमलावरों की पहचान फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
  3. देशमुख परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि:

    • अनिल देशमुख मौजूदा विधायक हैं। इस बार उनके बेटे सलील देशमुख को एनसीपी (शरद पवार गुट) ने टिकट दिया है।
    • अनिल देशमुख, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं।
  4. देशमुख पर लगे आरोप और गिरफ्तारी:

    • 2021 में, मुंबई पुलिस के तत्कालीन आयुक्त ने अनिल देशमुख पर पुलिस अधिकारियों को होटल और बार मालिकों से वसूली के निर्देश देने का आरोप लगाया था।
    • इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में और CBI ने भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया।
    • देशमुख ने जेल में एक साल से अधिक समय बिताने के बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत प्राप्त की।
  5. देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप:

    • जुलाई 2023 में, देशमुख ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाया कि उन्होंने देशमुख पर दबाव डालकर झूठे हलफनामे दाखिल करवाने की कोशिश की।
    • इन हलफनामों में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, अनिल परब और अजित पवार** पर झूठे आरोप लगाने की बात कही गई थी।
    • देशमुख ने कहा, "जब मैंने झूठे आरोप लगाने से मना कर दिया, तब ED और CBI को मेरे पीछे लगा दिया गया, और मुझे 13 महीने जेल में रखा गया।"
    • हालांकि, फडणवीस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।



निष्कर्ष:

अनिल देशमुख पर हुआ हमला उनकी मौजूदा राजनीतिक स्थिति और पिछले आरोपों के संदर्भ में चर्चा का विषय बन गया है। यह घटना महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच उनकी और उनकी पार्टी की स्थिति को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकती है।

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