दिल्ली के वायु प्रदूषण संकट पर आतिशी ने केंद्र को ठहराया जिम्मेदार: "प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं?"
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को देश में बढ़ते प्रदूषण संकट पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर कड़ा सवाल उठाया। उन्होंने इसे "चिकित्सकीय आपातकाल" करार देते हुए कहा कि यह समस्या कई "भाजपा शासित" राज्यों में पराली जलाने के कारण पैदा हुई है।
मुख्य बातें:
केंद्र की आलोचना:
- आतिशी ने कहा, "केंद्र क्या कर रहा है? प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? क्या वे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश और बिहार में रहने वाले लोगों की सेहत की परवाह नहीं करते? प्रधानमंत्री ने इस संकट से निपटने के लिए कोई बैठक बुलाई या आपातकालीन कदम उठाए?"
दिल्ली पर असर:
- सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 493 तक पहुंच गया, जो 'गंभीर प्लस' श्रेणी में है।
- विषाक्त धुंध ने शहर को घेर लिया, जिससे दृश्यता पर भी असर पड़ा।
AAP सरकार की पहल:
- आतिशी ने दिल्ली सरकार की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा:
- "दिल्ली में पराली नहीं जलाई जाती। AAP शासित राज्यों में पराली जलाने के मामले भाजपा शासित राज्यों से कम हैं।
- दिल्ली ने थर्मल पावर प्लांट और ईंट भट्टों को बंद कर दिया।
- सार्वजनिक बसों को विद्युत आधारित बनाने जैसे कदम उठाए।
- परंतु दिल्ली के पास अपनी सीमाएं हैं। अगर हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पराली जलती है, तो दिल्ली का मुख्यमंत्री क्या कर सकता है?"
- आतिशी ने दिल्ली सरकार की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा:
राष्ट्रीय संकट:
- उन्होंने बताया कि यह समस्या केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि राजस्थान, बिहार, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को भी प्रभावित कर रही है।
- उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
न्यायपालिका और प्रशासनिक निर्देश:
- वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-IV को लागू करने का आदेश दिया है।
- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि AQI 450 से नीचे आने पर भी प्रतिबंधों को बिना अदालत की जानकारी के न हटाया जाए।
- अदालत ने कहा कि प्रदूषण मुक्त पर्यावरण बनाए रखना केंद्र और राज्यों की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
निष्कर्ष:
आतिशी ने वायु प्रदूषण के बढ़ते संकट पर केंद्र की निष्क्रियता और प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह समस्या एक राष्ट्रीय आपदा बन गई है, और इसके समाधान के लिए केंद्र और सभी राज्यों को मिलकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।