चक्रवात फेंगल: चेन्नई में 3 की मौत, पुडुचेरी में 30 साल में सबसे ज्यादा बारिश
चक्रवात फेंगल (Feinjal) ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों पर दस्तक दी, जिससे चेन्नई और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। चेन्नई में बिजली से जुड़े हादसों में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि पुडुचेरी ने 30 वर्षों में सबसे अधिक बारिश दर्ज की।
मुख्य बातें (Highlights):
- तीन लोगों की मौत: चेन्नई में बिजली के कारण हुई दुर्घटनाओं में तीन लोगों की मौत।
- पुडुचेरी में रिकॉर्ड बारिश: पुडुचेरी में 46 सेमी बारिश, जो 2004 के बाद सबसे ज्यादा है।
- चेन्नई एयरपोर्ट बंद: भारी बारिश के कारण 16 घंटे तक एयरपोर्ट बंद रहा; कई फ्लाइटें रद्द और विलंबित।
- भारतीय सेना का राहत कार्य: सेना ने पुडुचेरी में 100 से अधिक लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से बचाया।
- चक्रवात का प्रभाव: तमिलनाडु के कुछ इलाकों में 50 सेमी तक बारिश दर्ज की गई।
- जलभराव से जूझ रहे क्षेत्र: चेन्नई और पुडुचेरी के कई इलाके जलमग्न, 1,700 मोटर पंपों से पानी निकालने का काम जारी।
खबर का विवरण:
शनिवार शाम को चक्रवात फेंगल ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों पर दस्तक दी। भारी बारिश और तेज हवाओं ने चेन्नई और आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित किया, जिसमें चेन्नई के तीन लोगों की बिजली से जुड़े हादसों में मौत हो गई।
बारिश और बाढ़ का प्रकोप:
चेन्नई के मीनांबक्कम और नुंगंबक्कम में 11.4 सेमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पुडुचेरी में 46 सेमी बारिश हुई। यह 30 वर्षों में सबसे ज्यादा है। तमिलनाडु के विलुप्पुरम जिले के मैलम में 50 सेमी बारिश दर्ज की गई।
चेन्नई एयरपोर्ट और परिवहन पर असर:
भारी बारिश के कारण चेन्नई एयरपोर्ट 16 घंटे तक बंद रहा। दो रनवे और एक टैक्सीवे पानी में डूब गए। 24 घरेलू फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं, और 26 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें विलंबित हुईं।
भारतीय सेना की राहत कार्यवाही:
सेना ने पुडुचेरी के कृष्णानगर क्षेत्र में 500 घरों में फंसे 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला। इस क्षेत्र में पानी का स्तर पांच फीट तक पहुंच गया था।
सरकारी प्रतिक्रिया:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों की समीक्षा की। 334 स्थानों पर जलभराव हटाने के लिए 1,700 मोटर पंप लगाए गए।
पुडुचेरी में सतर्कता:
पुडुचेरी प्रशासन ने 12 लाख लोगों को एसएमएस के जरिए सतर्क किया। राहत शिविरों में अस्थायी रूप से स्कूल और कॉलेजों को शरणस्थल बनाया गया।
अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय स्थिति:
चक्रवात के कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है। यह अब उत्तर तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों पर गहरे दबाव में बदलने की ओर अग्रसर है।
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निष्कर्ष:
चक्रवात फेंगल ने भले ही भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति पैदा की हो, लेकिन समय रहते की गई तैयारियों और राहत कार्यों की वजह से जान-माल के बड़े नुकसान को टाला जा सका।