सच्चाई सामने आई: प्रधानमंत्री ने 'द साबरमती रिपोर्ट' की सराहना की, जो गोधरा ट्रेन अग्निकांड पर आधारित है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' की प्रशंसा की, जो 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड और उससे जुड़े घटनाक्रमों पर आधारित है। उन्होंने फिल्म को "सच्चाई सामने लाने वाला" बताया और कहा, "झूठा नैरेटिव केवल सीमित समय तक ही टिक सकता है।"
पीएम मोदी का बयान और फिल्म की सराहना
- प्रधानमंत्री ने कहा, "यह सच्चाई सामने आना अच्छा है, और वह भी इस तरह जिससे आम लोग इसे देख सकें।"
- फिल्म में विक्रांत मैसी, राशी खन्ना और रिद्धि डोगरा जैसे कलाकार हैं, और इसे धीरज सरना ने निर्देशित किया है।
फिल्म की कहानी
- 'द साबरमती रिपोर्ट' गोधरा ट्रेन अग्निकांड की पृष्ठभूमि और घटनाओं पर आधारित है, जिसमें फरवरी 2002 में साबरमती एक्सप्रेस को जला दिया गया था।
- फिल्म 15 नवंबर को रिलीज़ हुई और इसे संवेदनशीलता और गरिमा के साथ पेश करने के लिए सराहा गया।
कलाकार और निर्माता की प्रतिक्रिया
- अभिनेता विक्रांत मैसी ने पीएम मोदी के प्रशंसा संदेश पर आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके "सकारात्मक शब्दों" से फिल्म की टीम को प्रोत्साहन मिला है।
- निर्माता एकता कपूर ने प्रधानमंत्री के पोस्ट को रीशेयर करते हुए लिखा, "सम्माननीय प्रधानमंत्री जी, #TheSabarmatiReport पर आपके सकारात्मक शब्दों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। इससे हमारा मनोबल बढ़ा है।"
गोधरा ट्रेन अग्निकांड: एक ऐतिहासिक घटना
घटना का विवरण:
- 27 फरवरी, 2002 की सुबह साबरमती एक्सप्रेस, जो बिहार के मुजफ्फरपुर से गुजरात के अहमदाबाद जा रही थी, गोधरा रेलवे स्टेशन पर रुकी।
- ट्रेन में करसेवक भी यात्रा कर रहे थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे।
- गोधरा से निकलने के बाद ट्रेन को कई बार इमरजेंसी चेन खींचकर रोका गया।
- इसके बाद करीब 2,000 लोगों की भीड़ ने ट्रेन पर पत्थरबाजी की और कोच S-6 में आग लगा दी।
नुकसान:
- S-6 कोच में 59 लोगों की मौत हुई, जिनमें 27 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल थे।
- 48 यात्री घायल हुए।
गोधरा कांड के बाद दंगे और राजनीतिक असर
- गोधरा घटना के अगले दिन, 28 फरवरी 2002 से गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे।
- हिंसा पर राज्य सरकार ने दावा किया कि इसे तीन दिनों में नियंत्रित कर लिया गया, लेकिन sporadic clashes तीन महीनों तक जारी रहे।
- दंगों ने देश की राजनीति और समाज में गहरा प्रभाव डाला।
न्यायिक जांच और निष्कर्ष
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जांच समिति ने 2002 दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी भी गलत काम के लिए दोषी नहीं ठहराया।
- गोधरा कांड और इसके बाद के दंगे आज भी भारत के आधुनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना माने जाते हैं।
प्रधानमंत्री की ओर से 'द साबरमती रिपोर्ट' की सराहना न केवल फिल्म को बढ़ावा देती है, बल्कि इस विषय पर एक नई बहस को भी जन्म देती है।