25 साल बाद पिता के हत्यारे को गिरफ्तार करने वाली महिला पुलिसकर्मी की कहानी
मुख्य बातें:
- ब्राजील की महिला पुलिसकर्मी गिसलेने सिल्वा डी डियस ने 25 साल बाद अपने पिता के हत्यारे को गिरफ्तार किया।
- गिसलेने ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए पुलिस ज्वाइन की थी।
ब्राजील की एक महिला ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए पुलिस अधिकारी बनने का निर्णय लिया और 25 साल बाद अपने पिता के हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया। यह कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म की पटकथा जैसी लगती है, लेकिन यह पूरी तरह सच है।
उत्तर ब्राजील की रहने वाली गिसलेने सिल्वा डी डियस केवल 9 साल की थीं जब 1999 में उनके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके पिता को एक बार में केवल $20 के विवाद के बाद गोली मारी गई थी। आश्चर्यजनक रूप से, हत्यारे ने उनके पिता को अस्पताल पहुंचाया लेकिन फिर वहां से भाग गया।
हत्यारा पकड़ा गया, लेकिन न्याय में देरी: रैमोंडो आल्वेस गोम्स, जो गिसलेने के पिता का हत्यारा था, को शुरू में गिरफ्तार किया गया और मुकदमे का सामना करना पड़ा। 2013 में उसे 12 साल की सजा सुनाई गई, लेकिन सजा के खिलाफ अपील करने के दौरान उसे जेल से बाहर रहने की अनुमति दी गई। 2016 में उसकी आखिरी अपील खारिज होने के बाद उसके खिलाफ वारंट जारी किया गया, लेकिन वह फिर से फरार हो गया।
वकील से बनी पुलिसकर्मी: न्याय में हुई इस देरी ने गिसलेने को तोड़ दिया, जो उस समय एक वकील के रूप में काम कर रही थीं। अपने पिता की मौत का बदला लेने के पक्के इरादे से, उन्होंने 2022 में जेल अधिकारी बनने का फैसला किया, यह सोचते हुए कि एक दिन गोम्स उनके सामने आकर अपनी सजा काटेगा।
उन्होंने पुलिस विभाग में क्लर्क के रूप में आवेदन किया और इस साल जुलाई में पुलिस की हत्या शाखा में शामिल हो गईं। अंततः 25 साल बाद, गिसलेने उस व्यक्ति का सामना करने में सफल रहीं, जिसने उनके पिता की जान ली थी। गिसलेने ने ही उसे गिरफ्तार करने की सूचना दी और इस पूरे पल को कैमरे में कैद किया, जिसे उन्होंने बाद में सोशल मीडिया पर साझा किया।
भावनाओं का विस्फोट: गिसलेने ने मीडिया से कहा, "जब मैंने उस आदमी को देखा जिसने मेरे पिता की मौत की जिम्मेदारी ली थी और आखिरकार उसे हथकड़ियों में देखा, तो मैं अपने आंसू नहीं रोक पाई। यह एक भावनात्मक विस्फोट था, जैसे मेरे अंदर वर्षों से जमा हुए दर्द और भय का अंत हो गया हो।"
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उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए कहा, "मेरे पिता एक ईमानदार और मेहनती व्यक्ति थे। वे हमें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते थे और हमारे साथ समय बिताते थे। उनकी मौत के बाद हमारे परिवार को बेहद कठिन समय का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारी माँ ने हमें हमेशा सही रास्ते पर चलना सिखाया।"
यह कहानी न केवल न्याय की देरी को उजागर करती है, बल्कि एक बेटी के अडिग संकल्प और अपने पिता के प्रति उसकी प्रेम और समर्पण की मिसाल भी पेश करती है।