SIPs में निवेश करें, कार न खरीदें: वित्तीय सलाह पर इंफ्लुएंसर को आलोचना का सामना
मुख्य बातें:
- वित्तीय सलाह देने वाले इंफ्लुएंसर सौरव दत्ता को एक पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर आलोचना झेलनी पड़ी।
- सलाह में उन्होंने कार की ईएमआई की जगह SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश करने को प्राथमिकता दी।
- कई यूजर्स ने सलाह को "अव्यवहारिक" बताते हुए तत्काल आवश्यकताओं और वित्तीय संतुलन की बात कही।
वित्तीय सलाह देने वाले एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर, सौरव दत्ता, को उनकी हाल की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। दत्ता, जो नियमित रूप से बचत और निवेश के बारे में चर्चा करते हैं, ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने SIP के जरिए लंबी अवधि के निवेश को कार खरीदने पर प्राथमिकता देने की सलाह दी। हालांकि, यह सलाह कई यूजर्स को "अव्यवहारिक" लगी और उन्होंने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं।
पोस्ट का विवाद: सौरव दत्ता ने अपने पोस्ट में लिखा था, "रवि के लिए 5 साल तक 20000 रुपये प्रति माह 10 लाख की कार की EMI होती है। इसके बजाय, रवि 5 साल के लिए 20000 रुपये प्रति माह Nifty ETF SIP में निवेश करता है। पहला निर्णय उसे 2030 में 4 लाख की कार देता है, जबकि दूसरा निर्णय उसे 2030 में 17 लाख रुपये का बैंक बैलेंस देता है। जीवन हमारे द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में है।"
दत्ता की इस सलाह का उद्देश्य दीर्घकालिक बचत को बढ़ावा देना था, लेकिन कई यूजर्स ने इसे व्यावहारिक ज़रूरतों से हटकर बताया। महाराष्ट्र के एक उद्यमी, चिराग भजट्या, ने कार की ज़रूरत पर जोर देते हुए कहा कि कार आपात स्थितियों में बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। उन्होंने कहा, "रवि कोविड लॉकडाउन के दौरान अपने पिता के लिए अस्पताल और ऑक्सीजन सिलेंडर खोज रहा था। उसने उबर-ओला को कॉल किया, वे काम नहीं कर रहे थे। एक रिश्तेदार ने भी डर के मारे मना कर दिया। लेकिन रवि के पास बैंक में लाखों रुपये थे। रवि मत बनो। एक कार खरीदो, छोटी कार लो। EMI पर खरीदो, जिसे आप हर महीने चुका सकते हो। इसमें कोई बुराई नहीं है। देश के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स लोन लेकर ही चलते हैं।"
यूजर्स की प्रतिक्रिया: अन्य यूजर्स ने भी दत्ता की सलाह की आलोचना की और यह बताया कि वित्तीय योजना के साथ-साथ जीवन की वास्तविक ज़रूरतों को भी संतुलित करना आवश्यक है। एक यूजर ने कहा, "क्या हो रहा है? कार मत लो, घर मत लो, शादी मत करो, हनीमून पर मत जाओ, बच्चे मत करो। भाई, मैं इस धरती पर जन्म लिया हूं। इस मानव जीवन को पाना बहुत मुश्किल है। अगर SIP से समय मिले, तो ज़रा जीवन का आनंद भी ले लो।"
एक अन्य यूजर ने दत्ता के विचारों पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, "रवि के माता-पिता को एक मेडिकल इमरजेंसी थी। एंबुलेंस देर से आई, लेकिन शुक्र है कि रवि के पास एक कार थी और वह अपने माता-पिता की जान बचा सका। जीवन सिर्फ दूसरों की वित्तीय सलाह देने के बारे में नहीं है।"
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सौरव दत्ता ने अभी तक इस आलोचना का जवाब नहीं दिया है, लेकिन यह चर्चा इस बात की ओर ध्यान दिला रही है कि भविष्य के लिए बचत के साथ-साथ जीवन की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए तत्काल आवश्यकताओं का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है।