यूक्रेन का दावा: रूस ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दागी, पुतिन का पलटवार
यूक्रेन ने आरोप लगाया कि रूस ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का उपयोग कर डनीप्रो शहर को निशाना बनाया। दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यह हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल थी, जिसे पश्चिमी देशों को चेतावनी देने के लिए दागा गया।
मुख्य बिंदु:
यूक्रेन का आरोप:
- रूस ने डनीप्रो शहर पर ICBM से हमला किया।
- यह दावा किया गया कि यह पहली बार है जब युद्ध में इतनी शक्तिशाली परमाणु-सक्षम मिसाइल का उपयोग हुआ।
पुतिन का बयान:
- पुतिन ने कहा कि यह हाइपरसोनिक मीडियम-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल थी, जो यूक्रेनी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाकर दागी गई।
- "यह हमला अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा रूस के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे लंबे-दूरी के हथियारों के जवाब में किया गया," पुतिन ने कहा।
- मिसाइल को "न्युक्लियर-फ्री हाइपरसोनिक उपकरण" के रूप में परखा गया।
मीडिया रिपोर्ट:
- रायटर ने सूत्रों के हवाले से बताया कि रूस ने RS-26 रूबेज़ मिसाइल दागी, जो 5,800 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है।
- RS-26 मिसाइल पहली बार 2012 में सफलतापूर्वक परीक्षण की गई थी। यह 12 मीटर लंबी और 36 टन वजनी है।
यूक्रेनी वायुसेना का दावा:
- रूस ने ICBM के अलावा किनज़ल हाइपरसोनिक मिसाइल और सात KH-101 क्रूज मिसाइलें भी दागीं।
- इनमें से छह क्रूज मिसाइलों को मार गिराया गया।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- UNIDR के विशेषज्ञ एंड्री बाकलित्स्की ने इसे "अभूतपूर्व" करार दिया।
- "अगर यह सच है, तो यह पहली बार होगा जब ICBM का सैन्य उपयोग किया गया है। यह काफी महंगी और सटीक हथियार प्रणाली है।"
पश्चिमी हथियारों पर रूस की प्रतिक्रिया:
- रूस का कहना है कि यूक्रेन द्वारा ATACMS मिसाइल का उपयोग संघर्ष को और बढ़ाने का संकेत है।
ICBM और हाइपरसोनिक मिसाइलों का महत्व:
- ICBM:
- रणनीतिक हथियार जो परमाणु वारहेड ले जाने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
- रूस के परमाणु प्रतिरोध का महत्वपूर्ण हिस्सा।
- हाइपरसोनिक मिसाइल:
- अत्यधिक गति और सटीकता के लिए जानी जाती हैं।
- इनका उपयोग विरोधियों की सैन्य क्षमता को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।
निष्कर्ष:
रूस-यूक्रेन युद्ध में मिसाइलों के इस प्रकार के उपयोग ने संघर्ष को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। दोनों पक्षों के दावे और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि यह घटना वैश्विक सुरक्षा और कूटनीति के लिए गंभीर चिंता का विषय है।