मेवाड़ परिवार के मुखिया और चचेरे भाई के बीच विवाद: उदयपुर के सिटी पैलेस में झड़प, 3 लोग घायल
उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर सोमवार को स्थिति तनावपूर्ण रही। वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया क्योंकि बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को पैलेस में प्रवेश से रोक दिया गया। यह घटना उनके पूर्वजों की शाही परंपरा के तहत उन्हें मेवाड़ के पूर्ववर्ती शाही परिवार का प्रमुख घोषित किए जाने के कुछ घंटों बाद हुई।
क्या है मामला?
- विश्वराज सिंह, जो सोमवार सुबह चित्तौड़गढ़ किले में अपने दिवंगत पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ की जगह परिवार के मुखिया के रूप में अभिषिक्त किए गए, अपने पारिवारिक मंदिर एकलिंगनाथ और उदयपुर सिटी पैलेस जाने की परंपरा निभाने पहुंचे थे।
- पैलेस और मंदिर का प्रबंधन उनके चाचा और चचेरे भाई श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ के पास है, जिन्होंने कानूनी नोटिस के जरिए विश्वराज की इस यात्रा का विरोध किया था।
कैसे बढ़ा विवाद?
- जब विश्वराज सिंह अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस पहुंचे, तो उन्हें प्रवेश से रोक दिया गया।
- इस रोक के बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प शुरू हो गई और पत्थरबाजी भी हुई।
- विश्वराज सिंह के समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़कर पैलेस के गेट तक पहुंचने की कोशिश की।
- इस घटना में कम से कम 3 लोग घायल हो गए।
तनाव के मुख्य बिंदु:
- पैलेस और मंदिर का नियंत्रण अरविंद सिंह मेवाड़ के पास है, जो श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के चेयरमैन और ट्रस्टी हैं।
- ट्रस्ट ने रविवार को सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा था कि विश्वराज सिंह ट्रस्ट के सदस्य नहीं हैं, और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को सोमवार को सुरक्षा कारणों से पैलेस म्यूजियम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
- पुलिस ने पहले से ही स्थिति बिगड़ने की आशंका में बैरिकेड्स लगाए थे और भारी सुरक्षा बल तैनात किया था।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
- घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, उदयपुर के जिला मजिस्ट्रेट अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल ने विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों से बातचीत की।
- उन्होंने अरविंद सिंह के बेटे से भी चर्चा की, लेकिन वार्ता निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई।
- उदयपुर पुलिस ने एक पोस्ट में कहा:
"पुलिस बल मौके पर मौजूद है, स्थिति नियंत्रण में है।"
विश्वराज सिंह और समर्थकों की प्रतिक्रिया
- विश्वराज सिंह ने इस घटना की निंदा की और कहा कि शाही परंपराओं को निभाने से रोकना अनुचित है।
- उनके समर्थकों ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए सिटी पैलेस के बाहर नारेबाजी की।
निष्कर्ष
उदयपुर सिटी पैलेस में यह घटना मेवाड़ परिवार के भीतर चल रहे पुराने विवाद और पारंपरिक अधिकारों की लड़ाई को उजागर करती है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है, लेकिन विवाद का समाधान अभी बाकी है।