ईरान-इजराइल संघर्ष: कौन किसका समर्थन कर रहा है?
मुख्य बिंदु:
- इजराइल: हमास, हिजबुल्लाह और ईरान समर्थित मिलिशिया के खिलाफ लड़ाई।
- ईरान: अपने सहयोगियों के माध्यम से इजराइल पर सीधा और अप्रत्यक्ष हमला।
- सऊदी अरब और जॉर्डन: कूटनीतिक समर्थन, लेकिन इजराइल के साथ सुरक्षा सहयोग।
मध्य पूर्व के युद्ध की कगार पर खड़े होने से विभिन्न देशों और गुटों का समर्थन स्पष्ट होता जा रहा है। इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष ने धीरे-धीरे लेबनान, ईरान, और अन्य गुटों को इसमें खींच लिया है।
समर्थन और सहयोग:
- इजराइल:
- सहयोगी: संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, सऊदी अरब, जॉर्डन।
- विरोधी: हमास, हिजबुल्लाह, ईरान, हूथी विद्रोही।
- ईरान:
- सहयोगी: हमास, हिजबुल्लाह, और अन्य ईरान-समर्थित समूह।
- विरोधी: इजराइल, संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब।
सऊदी अरब और जॉर्डन:
सऊदी अरब: जबकि इजराइल के साथ सुरक्षा संबंध मजबूत हैं, सऊदी ने ईरान के हमले की जानकारी इजराइल को दी थी। इसके बावजूद, सऊदी और ईरान के बीच 2023 में कूटनीतिक संबंध बहाल करने का समझौता हुआ था।
जॉर्डन: इजराइल के साथ 1994 की शांति संधि के बावजूद, यह इजराइल की आलोचना भी करता रहा है और गाजा को मानवीय सहायता भेजी है।
Other Countries:
कतर: कूटनीतिक मध्यस्थता की भूमिका में, हालांकि इजराइल की नाराजगी के बावजूद कतर ने हमास नेता इस्माइल हानियेह को शरण दी है।
मिस्र: गाजा सीमा विवाद और इजराइल के साथ बढ़ते तनाव के बीच तटस्थ रुख अपनाया है।
सीरिया और इराक: ईरान-समर्थित समूहों का घर, जो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले करते रहे हैं।
तुर्की: हाल के वर्षों में इजराइल के साथ संबंधों में खटास, खासकर राष्ट्रपति एर्दोगन के शासन में।