मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामले पंजाब और हरियाणा से अधिक: कृषि संस्थान की रिपोर्ट
मुख्य बिंदु:
- अक्टूबर 19 से 25 के बीच मध्य प्रदेश में पराली जलाने के 536 मामले दर्ज हुए, जो पंजाब और हरियाणा से अधिक हैं।
- पंजाब में इसी अवधि में 401 मामले, जबकि हरियाणा में 192 मामले दर्ज हुए।
- यूपी और राजस्थान में भी हरियाणा से अधिक मामले सामने आए, जहां क्रमशः 192 और 203 घटनाएं दर्ज की गईं
दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए पराली जलाने की घटनाओं की ओर ध्यान गया है, जो इसके प्रमुख कारणों में से एक मानी जाती हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि हुई है और यह संख्या पंजाब और हरियाणा से अधिक है।
पिछले पाँच वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। इस साल 15 सितंबर से 25 अक्टूबर तक पंजाब में 1,749 मामले दर्ज हुए, जबकि 2020 में यह संख्या 16,221 थी। इसके विपरीत, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि चिंताजनक है।
दिल्ली में भी इस वर्ष अब तक पराली जलाने के 11 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले पाँच वर्षों में सबसे अधिक हैं। हरियाणा में भी इस वर्ष मामलों में गिरावट देखी गई है।
पराली जलाने से दिल्ली की वायु प्रदूषण में लगभग 15% योगदान हुआ है। वायु गुणवत्ता में हल्का सुधार हुआ है, लेकिन 31 अक्टूबर तक AQI के 400 तक पहुँचने की संभावना है।