हरियाणा में कांग्रेस की वापसी, जम्मू-कश्मीर में INDIA गठबंधन की बढ़त: इंडिया टुडे एग्जिट पोल
मुख्य बिंदु:
- हरियाणा में कांग्रेस की मजबूत वापसी: 50-58 सीटें जीतने का अनुमान, 2019 के 31 सीटों से बढ़त।
- बीजेपी का प्रदर्शन गिरा: 2019 में 40 सीटों के मुकाबले 20-28 सीटें मिलने की संभावना।
- JJP को भारी नुकसान: पिछली बार 10 सीटें, इस बार 0-2 सीटों तक सिमट सकती है।
- जम्मू-कश्मीर में करीबी मुकाबला: कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को 40-48 सीटें मिलने का अनुमान।
- बीजेपी की स्थिति मजबूत: जम्मू क्षेत्र में 27-31 सीटें मिल सकती हैं।
- पीडीपी का प्रदर्शन कमजोर: 2014 के 28 सीटों से घटकर 6-12 सीटें मिलने की संभावना।
- कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को घाटी में बढ़त: 29-33 सीटों का अनुमान, जो 2014 के 16 सीटों से अधिक है।
हरियाणा में कांग्रेस की वापसी, जम्मू-कश्मीर में INDIA गठबंधन की बढ़त: इंडिया टुडे एग्जिट पोल
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के परिणामों को लेकर इंडिया टुडे-CVoter एग्जिट पोल ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। पोल के अनुसार, हरियाणा में कांग्रेस की मजबूत वापसी और पूर्ण बहुमत की संभावना है, जबकि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है। इस बीच, जम्मू क्षेत्र में बीजेपी अपनी मजबूत पकड़ बनाए रख सकती है। हालाँकि, एग्जिट पोल कभी-कभी गलत साबित हो सकते हैं, फिर भी इन आंकड़ों से राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत मिल रहा है।
हरियाणा में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत की संभावना: हरियाणा में कांग्रेस के 90 सदस्यीय विधानसभा में 50-58 सीटें जीतने का अनुमान है, जो कि 2019 में मिली 31 सीटों से बेहतर है। वहीं, सत्ताधारी बीजेपी, जो राज्य में लगातार तीसरी बार जीत की कोशिश कर रही है, को 20-28 सीटें मिल सकती हैं। यह 2019 की 40 सीटों से कम है। एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस की मजबूत स्थिति जननायक जनता पार्टी (JJP) के नुकसान पर बनती दिख रही है, जिसे पिछले चुनाव में 10 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उसे 0-2 सीटें तक सिमटने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर में करीबी मुकाबला: जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को 90 विधानसभा सीटों में से 40-48 सीटें मिलने की संभावना है। बीजेपी 27-32 सीटें जीत सकती है, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को 6-12 सीटें मिलने की उम्मीद है। अन्य पार्टियों और निर्दलीयों को 6-11 सीटें मिल सकती हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन 'INDIA' का हिस्सा होने के बावजूद, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने इस चुनाव में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। हालांकि, एग्जिट पोल के अनुसार, यह फैसला पीडीपी के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो सकता, क्योंकि उनकी सीटों की संख्या 2014 के 28 से घटकर 6-12 तक हो सकती है।
जम्मू क्षेत्र में बीजेपी की मजबूती: जम्मू क्षेत्र की 43 सीटों पर बीजेपी को 27-31 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को 11-15 सीटें मिल सकती हैं। पीडीपी को 0-2 सीटें मिलने की संभावना है।
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कश्मीर घाटी में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस की बढ़त: कश्मीर घाटी की 47 सीटों पर कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को 29-33 सीटें मिलने की उम्मीद है, जो कि 2014 के 16 सीटों से बेहतर है। पीडीपी, जिसने 2014 में 25 सीटें जीती थीं, इस बार 6-10 सीटें तक सिमट सकती है। बीजेपी, जो 2014 में घाटी में कोई सीट नहीं जीत सकी थी, इस बार कुछ सीटें जीतने की संभावना रखती है।