आंध्र प्रदेश के सीएम नायडू ने बाढ़ प्रभावित विजयवाड़ा में घुटनों तक पानी में चलकर लोगों को भोजन और आश्वासन दिया
समाचार लेख:
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, जिन्हें अक्सर राज्य का "सीईओ" कहा जाता है, बाढ़ प्रभावित विजयवाड़ा में अब एक राहतकर्ता की भूमिका निभा रहे हैं। राज्य के अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ एनटीआर जिले में असामान्य और भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के बाद से नायडू लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
मुख्य बिंदु:
नायडू की ज़मीनी भागीदारी: 74 वर्षीय मुख्यमंत्री नायडू, रविवार से ही विजयवाड़ा की सड़कों पर घुटनों तक पानी में चल रहे हैं, रबड़ की नावों में तैर रहे हैं, और कभी-कभी रात के बीच में भी, स्थानीय लोगों को सुरक्षा का आश्वासन और भोजन के पैकेट दे रहे हैं।
वास्तविक समय में संकट प्रबंधन: नायडू ने विजयवाड़ा, अमरावती और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति की निरंतर समीक्षा की है। वह विजयवाड़ा के जिला प्रशासनिक भवन के बाहर डेरा डाले हुए हैं, जहां से वह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं। उनका कारवां पास में खड़ा है, जहां वह थोड़े समय के लिए आराम कर रहे हैं।
हुदहुद राहत कार्यों की याद: नायडू की वर्तमान गतिविधियाँ 2014 में चक्रवात हुदहुद के बाद उनके नेतृत्व की याद दिलाती हैं। उस समय, नायडू ने विशाखापत्तनम कलेक्टर कार्यालय के बाहर अपने कारवां से दिनों तक राहत कार्यों का नेतृत्व किया। उनके जमीनी नेतृत्व और त्वरित कार्रवाई के कारण, शहर जल्द ही सामान्य स्थिति में लौट आया था।
पूर्व कलेक्टर का बयान: पूर्व विशाखापत्तनम कलेक्टर एन. युवराज ने याद किया कि कैसे हुदहुद के दौरान नायडू के नेतृत्व ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। "मुख्यमंत्री की ज़मीनी उपस्थिति, सचिवालय से समीक्षा के बजाय शहर में घूमना, सभी अंतर लाया," युवराज ने कहा। नायडू के निर्देशन में बिजली बहाल करने और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत तुरंत हुई।
पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय: हुदहुद के दौरान, नायडू ने तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, और ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय किया। उन्होंने तमिलनाडु से 35,000 बिजली के खंभे और पश्चिम बंगाल से आलू की खेप मंगवाई, साथ ही ओडिशा से राहत सामग्री और आपदा प्रतिक्रिया टीमों को भेजवाया।
नायडू का आपदा प्रबंधन में अनुभव: अब, जब विजयवाड़ा में बाढ़ ने कहर बरपा दिया है, नायडू एक बार फिर से अपनी बेहतरीन शैली में हैं, अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं और बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं।