सीबीआई ने वैश्विक साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, 57 सोने की ईंटें जब्त; मुंबई में एक आरोपी गिरफ्तार
समाचार हाइलाइट्स:
- सीबीआई ने एफबीआई के साथ मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
- मुंबई से आरोपी विष्णु राठी को गिरफ्तार किया गया, जिसने कथित रूप से एक अमेरिकी नागरिक से 3.8 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी।
- छापेमारी के दौरान 57 सोने की ईंटें और 16 लाख रुपये नकद जब्त किए गए।
- आरोपी ने तकनीकी सहायता एजेंट बनकर पीड़ित को धोखा दिया और क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में फंड ट्रांसफर करवाया।
- जांच जारी है और अन्य पीड़ितों की पहचान के लिए सीबीआई एफबीआई और इंटरपोल के साथ समन्वय कर रही है।
सीबीआई ने एफबीआई के साथ समन्वय में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और मुंबई से एक संदिग्ध आरोपी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस दौरान 57 सोने की ईंटें, जिनका वजन 100 ग्राम प्रति ईंट है, और 16 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
इस ऑपरेशन का नाम "ऑपरेशन चक्र-3" रखा गया, जिसे अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) के सहयोग से संचालित किया गया। इस मामले में मुंबई निवासी आरोपी विष्णु राठी को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस साइबर अपराध नेटवर्क का संचालन 2022 से किया जा रहा था और इसके जरिए विदेशी पीड़ितों को निशाना बनाया गया था, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी और बुलियन का इस्तेमाल किया जा रहा था।
राठी ने हाल ही में एक अमेरिकी नागरिक से कथित तौर पर लगभग 3.8 करोड़ रुपये की ठगी की, जिसमें उसने खुद को एक तकनीकी सहायता एजेंट के रूप में प्रस्तुत किया। सीबीआई के अनुसार, राठी और उसके सहयोगियों ने पीड़िता के कंप्यूटर और बैंक खाते तक अवैध पहुंच हासिल कर उसे यह विश्वास दिलाया कि उसका खाता हैक हो गया है और धन खतरे में है। इस धोखे के तहत पीड़िता ने 3.8 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में स्थानांतरित कर दिए, जो आरोपी के नियंत्रण में थे।
सीबीआई ने इस मामले में मुंबई और कोलकाता में सात स्थानों पर तलाशी ली। इस दौरान 57 सोने की ईंटें, 16 लाख रुपये नकद, क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े दस्तावेज, एक मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किए गए। सीबीआई ने बताया कि आगे की जांच में अन्य पीड़ितों की पहचान की जा रही है और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य सबूत जुटाए जा रहे हैं।
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प्रधान आरोपी विष्णु राठी और अन्य के खिलाफ 9 सितंबर को मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई अब एफबीआई और इंटरपोल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य सुरागों का पता लगाने के लिए समन्वय कर रही है।