Headline: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला आज: अरविंद केजरीवाल को ज़मानत मिलेगी या जेल?
Highlights:
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को छह महीने बाद रिहाई मिलने की संभावना।
- सुप्रीम कोर्ट ने 'ज़मानत नियम है, जेल अपवाद' सिद्धांत को फिर से दोहराया।
- सीबीआई ने केजरीवाल के खिलाफ 'सबूतों के पहाड़' का दावा किया है।
समाचार:
सुप्रीम कोर्ट आज यह तय करेगा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ज़मानत मिलेगी या नहीं। अगर कोर्ट उनके पक्ष में फैसला सुनाता है, तो उन्हें लगभग छह महीने बाद रिहाई मिल सकती है, क्योंकि उन्हें जून में कथित शराब नीति घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था।
केजरीवाल को पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था, और उन्हें दो महीने पहले उस मामले में ज़मानत मिली थी। हालांकि, उस ज़मानत के बावजूद उन्हें रिहा नहीं किया जा सका क्योंकि उन्हें CBI ने कुछ हफ्ते पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
केजरीवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने इस गिरफ्तारी को "इंश्योरेंस" के रूप में बताया, ताकि AAP नेता को जेल में रखा जा सके और पार्टी को आगामी दिल्ली चुनावों से पहले दबाव में रखा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल ने ज़मानत के लिए 'ट्रिपल टेस्ट' को पूरा किया है।
CBI ने केजरीवाल के खिलाफ आरोपों के लिए मुख्यतः 'एप्रूवर्स' यानी गवाह बनने वाले पूर्व आरोपियों के बयानों का हवाला दिया है। एजेंसी का मानना है कि केजरीवाल ने नवंबर 2021 में विवादित शराब नीति को बनाने और मंजूरी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ज़मानत के सिद्धांत को दोहराते हुए कहा, "ज़मानत नियम है, जेल अपवाद।" यह टिप्पणी न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर के 1977 के एक फैसले को संदर्भित करती है, जिसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को प्राथमिकता दी गई थी।
अगर केजरीवाल को ज़मानत मिलती है, तो वे इस मामले में रिहा होने वाले पांचवें विपक्षी नेता होंगे। उनसे पहले मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, के कविता और दुर्गेश पाठक को रिहा किया जा चुका है।
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दिल्ली शराब नीति मामला: दिल्ली शराब नीति मामले में आरोप है कि केजरीवाल और AAP ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा 'साउथ ग्रुप' से आया था। आरोप है कि इस धन का इस्तेमाल AAP ने चुनावी अभियान, खासकर 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के लिए किया था।