सेना 'फ्यूचर वारफेयर' कोर्स शुरू करेगी, पेजर धमाकों जैसे खतरों से निपटने की तैयारी
भारतीय सेना एक महत्वपूर्ण पहल के तहत 23 से 27 सितंबर के बीच नई दिल्ली में पहली बार तीनों सेनाओं के लिए "फ्यूचर वारफेयर" कोर्स आयोजित करेगी। यह पांच दिवसीय कार्यक्रम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के नेतृत्व में मुख्यालय इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
मुख्य समाचार:
- तीनों सेनाओं के अधिकारियों के लिए पहली बार 'फ्यूचर वारफेयर' कोर्स आयोजित होगा।
- आधुनिक युद्ध के बदलते आयामों और नई तकनीकों के उपयोग पर जोर।
- युद्ध के साइबर, स्पेस और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डोमेन पर फोकस।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), रोबोटिक्स और हाइपरसोनिक्स जैसी तकनीकों की युद्धक्षेत्र में भूमिका का विश्लेषण।
- भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय सेना के अधिकारियों को तैयार करने की पहल।
विवरण: इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य तीनों सेनाओं के अधिकारियों (मेजर से लेकर मेजर जनरल और उनके समकक्ष) को आधुनिक युद्ध की तकनीकी और संचालन संबंधी जटिलताओं से परिचित कराना है। इसमें युद्ध के नए रूपों, जैसे संपर्क युद्ध, गैर-संपर्क युद्ध, काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक युद्ध, साथ ही मनोवैज्ञानिक और सूचनात्मक युद्ध पर भी चर्चा की जाएगी।
अधिकारियों को भविष्य के युद्धों में साइबर, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डोमेन में लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी, इस पर गहन जानकारी मिलेगी। साथ ही, वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, और हाइपरसोनिक्स जैसी उभरती तकनीकों के युद्धक्षेत्र में प्रभाव को समझेंगे।
यह कोर्स भारतीय सशस्त्र बलों को तेजी से बदलती तकनीकी प्रगति और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य के अनुरूप ढालने की आवश्यकता से उत्पन्न हुआ है। इसका उद्देश्य सैन्य नेतृत्व को इनोवेटिव तकनीकों और रणनीतियों को प्रभावी ढंग से शामिल करने और तीनों सेवाओं के बीच बेहतर सहयोग को प्रोत्साहित करना है, जिससे भारत की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
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विभिन्न सैन्य विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया यह कोर्स भविष्य की लंबी अवधि की योजनाओं का आधार है, जिसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को "भविष्य के लिए तैयार" बनाना है।