वाराणसी में गंगा पर नए पुल का बेसब्री से इंतजार, जानें क्यों
चार रेलवे ट्रैक और छह लेन हाईवे वाला 2,642 करोड़ रुपये का पुल प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र बनने के बाद से शहर के बुनियादी ढांचे में कई सुधारों में से एक है।
मुख्य बिंदु:
- 137 साल पुराने मालवीय पुल को बदलने के लिए गंगा पर डबल-डेकर रेल-सड़क पुल बनाया जाएगा।
- नए पुल में निचली डेक पर चार रेलवे ट्रैक और ऊपरी डेक पर छह लेन का हाईवे होगा।
- परियोजना का अनुमानित खर्च 2,642 करोड़ रुपये है।
- यह परियोजना यातायात भीड़ को कम करने और ईंधन की खपत को घटाने में मदद करेगी।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी और दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच व्यस्त रेलवे मार्ग पर स्थित 137 साल पुराने मालवीय पुल को अब डबल-डेकर रेल-सड़क पुल से बदला जाएगा। मालवीय पुल, जो वाहनों और ट्रेनों दोनों के लिए उपयोग में आता है, वर्तमान में अपनी क्षमता से 163 प्रतिशत अधिक यातायात को संभालता है।
16 अक्टूबर को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा स्वीकृत यह नया बुनियादी ढांचा परियोजना वाराणसी और डीडीयू जंक्शन मार्ग पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए बनाई गई है। मालवीय पुल पर केवल दो रेलवे ट्रैक हैं, जबकि नए पुल में चार ट्रैक होंगे। साथ ही, पैदल यात्रियों के लिए पुल के किनारे वॉकवे बनाए जाएंगे, और भारी वाहनों के लिए भी पुल की संरचना को मजबूत किया जाएगा।
कैबिनेट बैठक के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह पुल न केवल उत्तर, पूर्व और पश्चिम भारत के यातायात को और सुगम बनाएगा, बल्कि ईंधन की खपत को भी कम करेगा। इसके बेहतर कार्यप्रणाली से हर साल लगभग 8 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी, जिससे लगभग 638 करोड़ रुपये की लागत में कमी आएगी। मंत्री ने यह भी बताया कि यह परियोजना सरकार की स्थायी बुनियादी ढांचे के लक्ष्य के तहत भी फिट बैठती है।
पुल के डिज़ाइन में कई आर्च बनाए जाएंगे ताकि यह क्षेत्र की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा कर सके। इस पुल की खासियत यह है कि इसका आधार गंगा की धारा के नीचे 120 फीट गहराई में होगा, जिससे यह पुल नदी के प्रवाह और भारी यातायात के दबाव को संभाल सकेगा। यह पुल अगले 150 वर्षों तक मजबूत और स्थिर रहने का अनुमान है।
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इस नए पुल से वाराणसी की बढ़ती परिवहन आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र बनने के बाद से 2014 से यहां कई बुनियादी ढांचे में सुधार हुए हैं। पीएम मोदी अपने वाराणसी दौरे के दौरान 20 अक्टूबर को लगभग 6,611.18 करोड़ रुपये की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे या नींव रखेंगे। इनमें वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार के साथ-साथ देशभर के सात अन्य हवाई अड्डों के अपग्रेड भी शामिल हैं।