प्राचीन भारत से ब्रिटिश शासन तक: भारतीय मानचित्र की 2000-वर्षीय यात्रा
मुख्य बिंदु:
- मौर्य साम्राज्य ने एकीकृत भारत की नींव रखी और गुप्त साम्राज्य ने सांस्कृतिक समृद्धि में योगदान दिया।
- मुग़ल और ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान, भारत की सीमाओं में महत्वपूर्ण बदलाव हुए।
- आधुनिक भारत का नक्शा ब्रिटिश विभाजन योजना का परिणाम है, जिसमें पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, और बंगाल जैसे क्षेत्रों का विभाजन शामिल था।
भारत के नक्शे का विकास सदियों में कई चरणों में हुआ। भारत, भारतवर्ष, आर्यव्रत या हिंदुस्तान — अलग-अलग कालों में अलग-अलग राजवंशों और संस्कृतियों के प्रभाव के तहत इसकी सीमाएं बदलती रहीं। प्राचीन काल में मौर्य साम्राज्य के अशोक के शिलालेख और गुप्त काल की कलात्मकता, जैसे कि उदयगिरि की दीवार पर अंकित गंगा-यमुना के मिलन का दृश्य, इस क्षेत्र की आध्यात्मिक और भौगोलिक संरचना को दर्शाती है।
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ग्रीक मानचित्रण में भारत को पहली बार एक दूरस्थ भूमि के रूप में दर्ज किया गया, जिसका विस्तार सिकंदर महान की विजयों के साथ हुआ। आधुनिक भारत के नक्शे की नींव ब्रिटिश विभाजन योजना में रखी गई, जिसने पूर्व और पश्चिम में पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, और बंगाल का विभाजन किया, जो आज के भारत की सीमाओं को परिभाषित करता है।